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Showing posts from January, 2021

Shear Stress In Beamधरन मे कर्तन प्रतिबल , Moment Area Method ( क्षेत्रफल आघुर्ण विधि) Slope ( ढ़लान) ,Deflected ( विक्षेप)

Shear Stress In Beamधरन मे कर्तन प्रतिबल , Moment Area Method ( क्षेत्रफल आघुर्ण विधि) Slope ( ढ़लान) ,Deflected ( विक्षेप)  Shear Stress In Beamधरन मे कर्तन प्रतिबल :-  जब बीम पर Bending Moment लगता है तो उसके विभिन्न परतो के मध्य कटने की प्रवृत्ति उत्पन्न होती है जिससे परतो के मध्य Stress उत्पन्न होता है, इसी Stress को Shear Stress कहते है | Calculation of Shear Stress:- Where ,  V= Max Shear Force  I= Moment of Inertia b= width of Beam A = Area of Shaded Portion  Y bar = Distance of Centroid    Slope ( ढ़लान) :- जब Beam पर लोड लगाया जाता है तो Bending Moment के कारण बीम मे झुकाव होता है जिससे Deflected Curve प्राप्त होता है इस Deflected Curve के किसी भी बिन्दु पर खीची गई स्पर्श रेखा का बीम के Longitudinal Axis से बना कोण उस बिन्दु पर Slope कहलाता है | Deflected ( विक्षेप) :-  जब बीम पर लोड लगाते है तो उसका प्रत्येक बिन्दु Verticaly नीचे चला जाता है | Beam के विभिन्न बिंदुओं का Vertical Displacement उस बिन्दु पर Deflecti...

Pure Bending या Simple Bending (शुध्द नमन), Nutral Axis (उदासीन अक्ष ) , Assumptions In Theory Of Simple Bending (शुध्द नमन के सिद्धांत के पूर्वानुमान) , Moment Of Resistance (प्रतिरोधी घूर्णन) , Bending Stresses In Beams

Pure Bending या Simple Bending (शुध्द नमन) Nutral Axis (उदासीन अक्ष )  Assumptions In Theory Of Simple Bending (शुध्द नमन के सिद्धांत के पूर्वानुमान) Moment Of Resistance (प्रतिरोधी घूर्णन)   Bending Stresses In Beams                    धरनो मे नमन प्रतिबल Pure Bending या Simple Bending (शुध्द नमन) :- जब धरन पर लोड लगाने पर Shear Force का मान शून्य हो अर्थात धरन पर सिर्फ Bending Moment ही लगता हो तो इस स्थिति मे Beam के झुकाव को Pure Bending कहते है | NOTE :- यदि धरन पर Bending Moment के साथ-साथ Shear Force भी लगता हो तो उसे Impure Bending या Non Uniform Bending कहते है | Nutral Axis (उदासीन अक्ष ) :- जब बीम पर Pure Bending लगाया जाता है तो उसका कुछ हिस्सा Comperession मे तथा कुछ हिस्सा Tension मे होता है | Beam के Extream Fiber पर Tension और Compression का मान सबसे ज्यादा होता है | Beam के मध्य मे एक ऐसा Layer होता है जो न तो Tension और न ही Compression मे होता है इ...

Moment of Inertia , Parallel axis Theorem , Perpendicular axis Theorem , Section Modulas , Radius of Gyrations

        MOMENT OF INRETIA(जड़त्व आघुर्ण)  Moment of Inertia , Parallel axis Theorem , Perpendicular axis Theorem , Section Modulas , Radius of Gyrations Moment of Inertia ( जड़त्व आघुर्ण ):- किसी तल के क्षेत्रफल के द्वितीय आघुर्ण को जड़त्व आघुर्ण कहते है |  MOMENT OF INRETIA = 2nd MOMENT OF AREA Parallal Axis Theorem ( समांतर अक्ष प्रमेय  ):- किसी तल का किसी अक्ष के परित: जड़त्व आघुर्ण उस अक्ष के समांतर परीकेंद्रीय अक्ष के परित: जड़त्व आघुर्ण और तल के क्षेत्रफल तथा दोनो अक्षो के बीच की लम्बवत् दूरी के वर्ग के गुणनफल के योगफल के बराबर होता है | Where , ILM = Moment of Inertia about LM Axis Ixx = Moment of Inertia about Centroid Axis A= Area of Plate  h = Perpendicular Distance between xx and LM Axis  Perpendicular Axis Theorem ( लम्बवत् अक्ष प्रमेय  ):- इस प्रमेय के अनुसार किसी सतह का उसके तल मे स्थित दो लम्बवत् अक्षो के परित: Moment of Inertia का योगफल उन अक्षो के कटान बिन्दु से गुजरने वाले तल के लम्बवत् अक्ष के परित: Moment ...

Types of load , Point Load , UDL , UVL , SFD , BMD , Point of Contraflexure

Types Of Loading:- 1.Point Load ( बिन्दु भार ):- वह लोड जो किसी Structure के एक बिन्दु पर लगता हो उसे Point Load कहते है | 2.Uniformaly Distributed Load:- वह लोड जो Structure के पूरे लंबाई या आंशिक लंबाई पर समान रूप से विपरीत हो उसे UDL कहते है | 3.Uniformly Varying Load:- वह लोड जिसका मान एक समान रूप से जीरो से Maximum तक परिवर्तित होता हो उसे UVL कहते है। 4.Curved Load:- वह लोड जिसका मान असमान रूप से बदलता हो उसे Curved Load कहते है | 5.Moving Load:- वह लोड जिसकी स्थिति समय के साथ बदलती रहती हो उसे Moving लोड कहते है | Shear Force ( कर्तन बल ):- जब Beam पर Transverse Load लगाते है तो Beam के प्रत्येक Section पर एक Internal Reaction होता है जिसकी प्रवृत्ति Beam को काटने की होती है उसे ही Shear Force कहते है | Bending Moment ( नमन आघूर्ण ):- जब किसी Beam पर लोड लगाया जाता है तो उसके प्रत्येक Section पर ऐसा Internal Reaction उत्पन्न होता है जिसकी प्रवृत्ति हर जगह Beam ...

Types of Beam and Load , Beam kitne Prakar ke hote hai , Load kitne type ke hote hai sabhi ke bare me bataiye

Types of Beam ( धरनो के प्रकार ) :- 1.Simply supported beam 2.Cantilever beam 3.Overhanging beam 4.Fixed beam 5.Continuous beam 1.Simply supported beam:-  यह Beam जिसके एक किनारे पर Hinge तथा दूसरे किनारे पर Roller support हो उसे Simply supported beam कहते है | 2.Cantilever beam:- वह Beam जिसका एक सिरा Fixed और दूसरा सिरा Free हो उसे Cantilever Beam कहते है | 3.Overhanging Beam:- वह Beam जिसका एक सिरा अथवा दोनो सिरा Support से बाहर निकला हो उसे Overhanging Beam कहते है | 4.Fixed Beam:- वह Beam जिसके दोनो सिरे Fixed हो उसे Fixed Beam कहते है | 5.Continuous Beam:- वह Beam जिसमे दो से ज्यादा Support हो उसे Continuous Beam कहते है | Where ,          Types of Load (भार के प्रकार ) :- IS 875 ने किसी भी Structure पर लगने वाले पाँच प्रकार के Loads को बताया है | 1.अचल भार (IS 875 : Part-I) :- किसी भी Structure के Self Weight को Dead लोड कहते है | निम्नलिखित मैटेरियल्स के लिए specific weight कुछ ...

Beam Kya Hota hai. , Types of Support , Types of Beam

Beam Kya Hota hai. Or What is Beam?  Types of Support  Types of Beam  धरन (Beam) :-   Beam  एक ऐसा Linear structural member है जिसपर सदैव Transverse Load लगता है | Beam की लंबाई उसके C/S के तुलना मे काफी अधिक होती है |    Types of Support ( आलम्बो के प्रकार):- 1. Roller Support  2. Hinged Support 3. Fixed Support 1.Roller support :- वह Support जो Verticle Motion को रोकता है तथा Horizontal और Rotational Motion को Allow करता है उसे Roller Support कहते है | 2.Hinged Support :- वह Support जो Horizantal और Vertical Motion को रोकता हो और Rotation को Allow करता हो उसे Hinged Support कहते है | 3 .Fixed Support (आबध्द आलम्ब) :-  वह Support जो तीनों Motions को रोकता हो उसे Fixed Support कहते है | Note :-  Roller Support, Roker Support तथा Simple Support का व्यवहार एक समान ही होता है| अत: ये तीनो सिर्फ Verticle Reaction देते है |  Types of Beam ( धरनो के प्रकार ) :- 1.Simply supported beam ...

Temperature Stress and Strain ( तापीय प्रतिबल और विकृति) or Thermal Stress , Tension Test , Compression Test of Materials

Temperature Stress and Strain ( तापीय प्रतिबल और विकृति) or Thermal Stress  :- जब किसी छड़ का तापमान बढ़ाया जाता है तो उसके लंबाई मे वृद्धि होती है तथा तापमान घटाने पर लंबाई मे कमी होती है अत: तापमान परिवर्तन से छड़ मे विकृति उत्पन्न होता है जिसे तापीय विकृति कहते है| यदि छड़ के लंबाई को बढ़ने से रोक दिया जाए तो उसमे जो प्रतिबल उत्पन्न होता है उसे तापीय प्रतिबल कहते है| Tension Test Of Material :- 1. For Ductile Materials :- Ductile Material का shear strength उनके Tensile strength से कम होता है अत: Tensile load लगाने पर इनका Failure shear के वजह से होता है इस Failure मे Failure surface का झुकाव Diaraction of loading से 45° के कोण पर होता है | इसे cup-cone Failure कहते है। 2. For Brittle Material:- Brittle Material पर Tensile load लगाने पर उनका Failure Tension के कारण होता है इस स्थिति मे Failure plain का झुकाव लोड से 90° पर होता है । Compressive Test Of Material:- 1 . For Ductile Material:- Ductile Material पर compressive ...

Defination:- Proof Stress , Factor of Seftey , Stresa Strain Curve of HYSD Bars , Stiffness

Defination:-  Proof Stress , Factor of Seftey , Stresa Strain Curve of HYSD Bars , Stiffness    Proof stress :-  जिन पदार्थो का stress-strain curve प्लाट plat करने पर yield point स्पष्ट दिखाई न दे उनके लिए proof stress का प्रयोग करते है| Proof stress ज्ञात करने के लिए 0.2% strain से stress strain curve के समांतर एक रेखा खीचते है जो curve को जहाँ काटता है उसे yield point कहते है | इस yield point के stress को 0.2% proof stress कहते है | Factor of Seftey (सुरक्षा गुणांक)  :-  Yield stress और working stress के अनुपात को factor of safety कहते है | F.O.S = Yield Stress / Working Stress  Limit state mathod (LSM) मे concreat का F. O. S 1.5 और steel का F. O. S 1.15 लिया जाता है | Stress-Strain curve of HYSD bars:- HYSD (High yield strength defordeformed bars)  इन छड़ो का सामर्थ्य बहुत अधिक होता है इन छड़ो के सतहो पर ऐठन (twist) होता है इनका yield point ज्ञात करने के लिए 0.2% proof stress का प्रयोग करते है |  Stiffness ( सुदृढता...

Explain it - Poisson's Ratio , Creap , Fatigue , Endurance Limit

? What is Poisson's Ratio ? What is Cheap ?  What is Fatigue ? What is Endurance Limit ? पॉयजन अनुपात ( Poisson's Ratio ) :-  जब किसी वस्तु पर Load लगाया जाता है तो उसमे दो प्रकार की विकृतिया आती है |१. Longitudinal strain २. Lateral strain 1.Longitudinal strain (अनुदैर्ध्य विकृति ): -   किसी वस्तु के लम्बाई में परिवर्तन और उसके वास्तविक लंबाई के अनुपात को longitudinal strain कहते है। Longitudinal Strain = Change in Length (∆L)/ Actual Length (L) 2. Lateral Strain( अनुप्रस्त विकृति या पार्श्व विकृति ) :-  छड़ की अनुप्रस्त दिशा मे उत्पन्न होने वाली विकृति को lateral strain कहते है| Lateral Strain = ∆d / d 【 "Lateral strain और Longitudinal strain के अनुपात को possions ratio कहते है" इसे म्यु से प्रदर्शित करते है।】 Poisson's Ratio = Lateral Strain / Longitudinal Strain  Creep :-  किसी पिण्ड पर constant load लगाने पर समय के साथ होने वाले continuous Deformation को Creep कहते है। Creep निम्न बातो पर निर्भर करता है- Magnitu...