Skip to main content

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance (स्थिरवैद्युत विभव तथा धारिता) ( Part-2)

  UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance (स्थिरवैद्युत विभव तथा धारिता) are part of UP Board Solutions for Class 12 Physics. Here we have given UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance (स्थिरवैद्युत विभव तथा धारिता).


UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance (स्थिरवैद्युत विभव तथा धारिता)




प्रश्न 21.

बिन्दु (0, 0, -a) तथा (0, 0, a) पर दो आवेश क्रमशः -q और +q स्थित हैं।

(a) बिन्दुओं (0, 0, z) और (x, y, 0) पर स्थिरविद्युत विभव क्या है?

(b) मूल बिन्दु से किसी बिन्दु की दूरी पर विभव की निर्भरता ज्ञात कीजिए, जबकि \frac { r }{ a }>> 1

(c) x-अक्ष पर बिन्दु (5, 0, 0) से बिन्दु (-7, 0, 0) तक एक परीक्षण आवेश को ले जाने में कितना कार्य करना होगा? यदि परीक्षण आवेश को उन्हीं बिन्दुओं के बीच x-अक्ष से होकर न ले जाएँ तो क्या उत्तर बदल जाएगा?

हल-

दिए गए बिन्दु आवेश एक विद्युत द्विध्रुव बनाते हैं।

आवेशों के बीच की दूरी = 2a



UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance Q21

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance Q21.1

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance Q21.2

प्रश्न 22.

नीचे दिए गए चित्र 2.14 में एक आवेशविन्यास जिसे विद्युत चतुर्भुवी कहा जाता है, दर्शाया गया है। चतुर्भुवी के अक्ष पर स्थित किसी बिन्दु के लिए पर विभव की निर्भरता प्राप्त कीजिए जहाँ \frac { r }{ a }>> 1। अपने परिणाम की तुलना एक विद्युत द्विध्रुव व विद्युत एकल ध्रुव (अर्थात् किसी एकल आवेश) के लिए प्राप्त परिणामों से कीजिए।

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance Q22

हल-

माना P की विभिन्न आवेशों से दूरियाँ निम्नलिखित हैं-

r – a, r, r + a

चतुर्भुवी होने के कारण बिन्दु P पर विद्युत विभव

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance Q22.1

प्रश्न 23.

एक विद्युत टैक्नीशियन को 1 kV विभवान्तर के परिपथ में 2 μF संधारित्र की आवश्यकता है। 1 μF के संधारित्र उसे प्रचुर संख्या में उपलब्ध हैं जो 400 V से अधिक का विभवान्तर वहन नहीं कर सकते। कोई सम्भव विन्यास सुझाइए जिसमें न्यूनतम संधारित्रों की आवश्यकता हो।

हल-

माना हम प्रत्येक पंक्ति में n संधारित्र जोड़ते हैं तथा ऐसी m पंक्तियों को समान्तर क्रम में जोड़ते हैं।

श्रेणीक्रम में, 1 kV = 1000 V को विभवान्तर n संधारित्रों में बराबर बँट जाएगा।

प्रत्येक संधारित्र पर विभवान्तर = \frac { 1000 }{ n }

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance Q23

हमें 3-3 संधारित्रों को श्रेणीक्रम में जोड़कर इस प्रकार की 6 पंक्तियाँ बनानी होंगी। अब इन 6 पंक्तियों को समान्तर क्रम में जोड़ना होगा।


प्रश्न 24.

2F वाले एक समान्तर पट्टिका संधारित्र की पट्टिका का क्षेत्रफल क्या है, जबकि पट्टिकाओं का पृथकन 0.5 cm है? [अपने उत्तर से आप यह समझ जाएँगे कि सामान्य संधारित्र uF या कम परिसर के क्यों होते हैं? तथापि विद्युत-अपघटन संधारित्रों (Electrolytic capacitors) की धारिता कहीं अधिक (0.1 F) होती है क्योंकि चालकों के बीच अति सूक्ष्म पृथकन होता है।

हल-

दिया है, समान्तर पट्ट संधारित्र की धारिता C = 2F.

इसकी प्लेटों के बीच पृथक्करण (दूरी) d= 0.5 cm = 5 x 10-3 m

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance Q24

प्रश्न 25.

चित्र 2.15 के नेटवर्क (जाल) की तुल्य धारिता प्राप्त 100 pF कीजिए। 300 V संभरण (सप्लाई) के साथ प्रत्येक संधारित्र का आवेश व उसकी वोल्टता ज्ञात कीजिए।

हल-

दिए गए नेटवर्क को संलग्न चित्र 2.16 की भाँति व्यवस्थित किया जा सकता है-

सर्वप्रथम C2 व C3 श्रेणीक्रम में जुड़े हैं, इनकी तुल्य धारिता

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance Q25

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance Q25.1

शेष संयोजन का विभवान्तर V = 300 V – 200 V = 100 V

C1, C2 व C3 के श्रेणी संयोजन से समान्तर क्रम में जुड़ा है,

C1 का विभवान्तर = 100 V

तथा C2 व C3 के श्रेणी संयोजन का विभवान्तर = 100 V

C1 पर आवेश q1 = C1V1 = 100 x 10-12 F x 100 V = 10-8 C

C2 = C3; अतः कुल विभवान्तर 100 V इन पर बराबर-बराबर बंटेगा।

प्रत्येक का विभवान्तर = 50 V

प्रत्येक पर आवेश q2 = C2V2 = 200 x 10-12 F x 50 V = 10-8 C

अतः संयोजन की धारिता C = \frac { 200 }{ 3 }pF

C1 का विभवान्तर = 100 V तथा आवेश = 10-8 C

C2 का विभवान्तर = 50 V तथा आवेश = 10-8 C

C3 का विभवान्तर = 50 V तथा आवेश = 10-8 C

C4 का विभवान्तर = 200 V तथा आवेश = 2 x 10-8 C


प्रश्न 26.

किसी समान्तर पट्टिका संधारित्र की प्रत्येक पट्टिका का क्षेत्रफल 90 cm² है और उनके बीच पृथकन 2.5 mm है। 400 V संभरण से संधारित्र को आवेशित किया गया है।

(a) संधारित्र कितना स्थिरविद्युत ऊर्जा संचित करता है?

(b) इस ऊर्जा को पट्टिकाओं के बीच स्थिरविद्युत-क्षेत्र में संचित समझकर प्रति एकांक आयतन ऊर्जा u ज्ञात कीजिए। इस प्रकार, पट्टिकाओं के बीच विद्युत-क्षेत्र E के परिमाण और u में सम्बन्ध स्थापित कीजिए।

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance Q26

प्रश्न 27.

एक 4 μF के संधारित्र को 200 V संभरण (सप्लाई) से आवेशित किया गया है। फिर संभरण से हटाकर इसे एक अन्य अनावेशित 2 μF के संधारित्र से जोड़ा जाता है। पहले संधारित्र की कितनी स्थिरविद्युत ऊर्जा का ऊष्मा और विद्युत चुम्बकीय विकिरण के रूप में ह्रास होता है?

हल-

दिया है, C1 = 4 x 10-6 F, V1 = 200 V, C2 = 2 x 10-6 F, V2 = 0 V

माना जोड़ने के पश्चात् दोनों का उभयनिष्ठ विभव V है।

जोड़ने से पूर्व संभरण को हटा लिया गया है; अतः कुल आवेश स्थिर रहेगा।

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance Q27

प्रश्न 28.

दर्शाइए कि एक समान्तर पट्टिका संधारित्र की प्रत्येक पट्टिका पर बल का परिमाण \frac { 1 }{ 2 }QE है, जहाँ संधारित्र पर आवेश है और E पट्टिकाओं के बीच विद्युत-क्षेत्र का परिमाण है। घटक \frac { 1 }{ 2 }के मूल को समझाइए।

हल-

माना दोनों पट्टिकाओं के बीच लगने वाला पारस्परिक आकर्षण बल F है तथा प्लेटों के बीच की दूरी है। दूरी x में dx की वृद्धि करने पर आकर्षण बल F के विरुद्ध कृत कार्य

dW = F dx …..(i)

प्लेटों के बीच विद्युत-क्षेत्र E है; अत: संधारित्र के एकांक आयतन में संचित ऊर्जा u=\frac { 1 }{ 2 } { \varepsilon }_{ 0 }{ E }^{ 2 }

प्लेटों का क्षेत्रफल A व बीच की दूरी ४ है; अत: संधारित्र की कुल ऊर्जा

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance Q28

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance Q28.1

घटक \frac { 1 }{ 2 }का मूल इस तथ्य में निहित है कि चालक प्लेट के बाहर विद्युत-क्षेत्र \frac { E }{ 2 }तथा प्लेट के भीतर शून्य होता है। अत: औसत विद्युत-क्षेत्र में होता है, जिसके विरुद्ध प्लेट को खिसकाया जाता है।


प्रश्न 29.

दो संकेन्द्री गोलीय चालकों जिनको उपयुक्त विद्युतरोधी आलम्बों से उनकी स्थिति में रोका गया है, से मिलकर एक गोलीय संधारित्र बना है (चित्र 2.17)। दर्शाइए कि गोलीय संधारित्र की धारिता C इस प्रकार व्यक्त की जाती है:

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance Q29

उत्तर-

गोलीय अथवा गोलाकार संधारित्र की धारिता (Capacitance of Spherical Capacitor) का व्यंजक-माना गोलीय संधारित्र धातु के दो समकेन्द्रीय खोखले गोलों A व B का बना है, जो एक-दूसरे को कहीं भी स्पर्श नहीं करते (चित्र 2.17)। जब गोले A को-q आवेश दिया जाता है तो प्रेरण द्वारा गोले B पर +q आवेश उत्पन्न हो जाता है। चूंकि गोले B का बाहरी तल पृथ्वी से जुड़ा है; अतः गोले B के बाहरी तल पर उत्पन्न -q आवेश पृथ्वी से आने वाले इलेक्ट्रॉनों से निरावेशित हो जाता है। इस प्रकार गोले B के आन्तरिक पृष्ठ पर +q आवेश रह जाता है। माना गोले A की त्रिज्या r2 तथा गोले B की त्रिज्या b है।

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance Q29.1

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance Q29.2

प्रश्न 30.

एक गोलीय संधारित्र के भीतरी गोले की त्रिज्या 12 cm है तथा बाहरी गोले की त्रिज्या 13 cm है। बाहरी गोला भू-सम्पर्कित है तथा भीतरी गोले पर 2.5 μC का आवेश दिया गया है। संकेन्द्री गोलों के बीच के स्थान में 32 परावैद्युतांक का द्रव भरा है।

(a) संधारित्र की धारिता ज्ञात कीजिए।

(b) भीतरी गोले का विभव क्या है?

(c) इस संधारित्र की धारिता की तुलना एक 12 cm त्रिज्या वाले किसी वियुक्त गोले की धारिता से कीजिए। व्याख्या कीजिए कि गोले की धारिता इतनी कम क्यों है?

हल-

दिया है, r1 = 13 cm = 0.13 m, r2 = 0.12 m, K = 32, Q = 2.5 x 10-6 C

(a) गोलीय संधारित्र की धारिता

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance Q30

अर्थात् गोलीय संधारित्र की धारिता एकल गोले की धारिता से 416 गुनी अधिक है। इससे यह निष्कर्ष प्राप्त होता है कि एकल चालक के समीप एक अन्य भू-सम्पर्कित चालक रखकर उनके बीच के स्थान में परावैद्युत भरने से धारिता बहुत अधिक बढ़ जाती है।


प्रश्न 31.

सावधानीपूर्वक उत्तर दीजिए :


दो बड़े चालक गोले जिन पर आवेश Q1 और Q2 हैं, एक-दूसरे के समीप लाए जाते हैं। क्या इनके बीच स्थिर विद्युत बल का परिमाण तथ्यत:

\frac { { Q }_{ 1 }{ Q }_{ 2 } }{ 4\Pi { \varepsilon }_{ 0 }{ r }^{ 2 } }

द्वारा दर्शाया जाता है, जहाँ r इनके केन्द्रों के बीच की दूरी है।

यदि कूलॉम के नियम में \frac { { 1 } }{ { r }^{ 3 } }निर्भरता का समावेश (\frac { { 1 } }{ { r }^{ 2 } }के स्थान पर) हो तो क्या गाउस का नियम अभी भी सत्य होगा?

स्थिरविद्युत-क्षेत्र विन्यास में एक छोटा परीक्षण आवेश किसी बिन्दु पर विराम में छोड़ा जाता है। क्या यह उस बिन्दु से होकर जाने वाली क्षेत्र रेखा के अनुदिश चलेगा?

इलेक्ट्रॉन द्वारा एक वृत्तीय कक्षा पूरी करने में नाभिक के क्षेत्र द्वारा कितना कार्य किया जाता है? यदि कक्षा दीर्घवृत्ताकार हो तो क्या होगा?

हमें ज्ञात है कि एक आवेशित चालक के पृष्ठ के आर-पार विद्युत-क्षेत्र असंतत होता है। क्या वहाँ विद्युत विभव भी असंतत होगा?

किसी एकल चालक की धारिता से आपका क्या अभिप्राय है?

एक सम्भावित उत्तर की कल्पना कीजिए कि पानी का परावैद्युतांक (= 80), अभ्रक के परावैद्युतांक (= 6) से अधिक क्यों होता है?

हल-


यदि दोनों गोले एक-दूसरे से बहुत अधिक दूरी पर होंगे तभी वे बिन्दं आवेशों की भाँति कार्य करेंगे। कूलॉम का नियम केवल बिन्दु आवेशों के लिए सत्य है; अत: गोलों को समीप लाने पर कूलॉम का नियम लागू नहीं होगा।

नहीं, गाउस का नियम केवल तभी तक सत्य है जब तक कि कूलॉम के नियम में निर्भरता \frac { { 1 } }{ { r }^{ 2 } }अतः कूलॉम के नियम में निर्भरता (\frac { { 1 } }{ { r }^{ 3 } }) होने पर गाउस का नियम लागू नहीं होगा।

नहीं, यदि क्षेत्र रेखा एक सरल रेखा है, केवल तभी परीक्षण आवेश क्षेत्र रेखा के अनुदिश चलेगा।

शून्य, स्थिर विद्युत क्षेत्र में बिन्दु आवेश के बन्द वक्र पर चलाने में किया गया कार्य शून्य होता है। यदि वक्र दीर्घवृत्ताकार है तो भी कार्य शून्य होगा।

नहीं, चालक की पूरी सतह पर विद्युत विभव सतत होता है।

एकल चालक की धारिता एक ऐसे संधारित्र की धारिता है, जिसकी दूसरी प्लेट अनन्त पर है।

जल के अणुओं का अपना स्थायी द्विध्रुव आघूर्ण होता है; अत: जल का परावैद्युतांक उच्च होता है, इसके विपरीत अभ्रक के अणुओं का द्विध्रुव आघूर्ण शून्य होता है; अत: इसका परावैद्युतांक निम्न होता है।

प्रश्न 32.

एक बेलनाकार संधारित्र में 15 cm लम्बाई एवं त्रिज्याएँ 1.5 cm तथा 1.4 cm के दो समाक्ष बेलन हैं। बाहरी बेलन भू-सम्पर्कित है और भीतरी बेलन को 3.5 μF का आवेश दिया गया है। निकाय की धारिता और भीतरी बेलन का विभव ज्ञात कीजिए। अन्त्य प्रभाव (अर्थात सिरों पर क्षेत्र रेखाओं का मुड़ना) की उपेक्षा कर सकते हैं।

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance Q32

प्रश्न 33.

3 परावैद्युतांक तथा 107 Vm-1 की परावैद्युत सामर्थ्य वाले एक पदार्थ से 1 kV वोल्टता अनुमतांक के समान्तर पट्टिका संधारित्र की अभिकल्पना करनी है। [परावैद्यत सामर्थ्य वह अधिकतम विद्युत-क्षेत्र है जिसे कोई पदार्थ बिना भंग हुए अर्थात आंशिक आयनन द्वारा बिना विद्युत संचरण आरम्भ किए सहन कर सकता है। सुरक्षा की दृष्टि से क्षेत्र को कभी भी परावैद्युत सामर्थ्य के 10% से अधिक नहीं होना चाहिए।] 50 pF धारिता के लिए पट्टिकाओं का कितना न्यूनतम क्षेत्रफल होना चाहिए?

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance Q33

प्रश्न 34.

व्यवस्थात्मकतः निम्नलिखित में संगत समविभव पृष्ठ का वर्णन कीजिए :


z-दिशा में अचर विद्युत-क्षेत्र

एक क्षेत्र जो एकसमान रूप से बढ़ता है, परन्तु एक ही दिशा (मान लीजिए z-दिशा) में रहता है।

मूल बिन्दु पर कोई एकल धनावेश, और

एक समतल में समान दूरी पर समान्तर लम्बे आवेशित तारों से बने एकसमान जाल।

उत्तर-


x-y समतल के समान्तर समतल।

समविभव पृष्ठ x-y समतल के समान्तर होंगे, परन्तु बढ़ते क्षेत्र के साथ, भिन्न-भिन्न नियत विभव वाले समतल एक-दूसरे के समीप होते जाएँगे।

संकेन्द्रीय गोले जिनके केन्द्र मूल बिन्दु पर हैं।

ग्रिड के समीप, समविभव पृष्ठों की आकृति समय के साथ बदलेगी परन्तु ग्रिड से दूर जाने पर समविभव पृष्ठ ग्रिड (जाल) के अधिकाधिक समान्तर होते जाएँगे।

Comments

Popular posts from this blog

Pure Bending या Simple Bending (शुध्द नमन), Nutral Axis (उदासीन अक्ष ) , Assumptions In Theory Of Simple Bending (शुध्द नमन के सिद्धांत के पूर्वानुमान) , Moment Of Resistance (प्रतिरोधी घूर्णन) , Bending Stresses In Beams

Pure Bending या Simple Bending (शुध्द नमन) Nutral Axis (उदासीन अक्ष )  Assumptions In Theory Of Simple Bending (शुध्द नमन के सिद्धांत के पूर्वानुमान) Moment Of Resistance (प्रतिरोधी घूर्णन)   Bending Stresses In Beams                    धरनो मे नमन प्रतिबल Pure Bending या Simple Bending (शुध्द नमन) :- जब धरन पर लोड लगाने पर Shear Force का मान शून्य हो अर्थात धरन पर सिर्फ Bending Moment ही लगता हो तो इस स्थिति मे Beam के झुकाव को Pure Bending कहते है | NOTE :- यदि धरन पर Bending Moment के साथ-साथ Shear Force भी लगता हो तो उसे Impure Bending या Non Uniform Bending कहते है | Nutral Axis (उदासीन अक्ष ) :- जब बीम पर Pure Bending लगाया जाता है तो उसका कुछ हिस्सा Comperession मे तथा कुछ हिस्सा Tension मे होता है | Beam के Extream Fiber पर Tension और Compression का मान सबसे ज्यादा होता है | Beam के मध्य मे एक ऐसा Layer होता है जो न तो Tension और न ही Compression मे होता है इ...

Types of Beam and Load , Beam kitne Prakar ke hote hai , Load kitne type ke hote hai sabhi ke bare me bataiye

Types of Beam ( धरनो के प्रकार ) :- 1.Simply supported beam 2.Cantilever beam 3.Overhanging beam 4.Fixed beam 5.Continuous beam 1.Simply supported beam:-  यह Beam जिसके एक किनारे पर Hinge तथा दूसरे किनारे पर Roller support हो उसे Simply supported beam कहते है | 2.Cantilever beam:- वह Beam जिसका एक सिरा Fixed और दूसरा सिरा Free हो उसे Cantilever Beam कहते है | 3.Overhanging Beam:- वह Beam जिसका एक सिरा अथवा दोनो सिरा Support से बाहर निकला हो उसे Overhanging Beam कहते है | 4.Fixed Beam:- वह Beam जिसके दोनो सिरे Fixed हो उसे Fixed Beam कहते है | 5.Continuous Beam:- वह Beam जिसमे दो से ज्यादा Support हो उसे Continuous Beam कहते है | Where ,          Types of Load (भार के प्रकार ) :- IS 875 ने किसी भी Structure पर लगने वाले पाँच प्रकार के Loads को बताया है | 1.अचल भार (IS 875 : Part-I) :- किसी भी Structure के Self Weight को Dead लोड कहते है | निम्नलिखित मैटेरियल्स के लिए specific weight कुछ ...

Defination:- Proof Stress , Factor of Seftey , Stresa Strain Curve of HYSD Bars , Stiffness

Defination:-  Proof Stress , Factor of Seftey , Stresa Strain Curve of HYSD Bars , Stiffness    Proof stress :-  जिन पदार्थो का stress-strain curve प्लाट plat करने पर yield point स्पष्ट दिखाई न दे उनके लिए proof stress का प्रयोग करते है| Proof stress ज्ञात करने के लिए 0.2% strain से stress strain curve के समांतर एक रेखा खीचते है जो curve को जहाँ काटता है उसे yield point कहते है | इस yield point के stress को 0.2% proof stress कहते है | Factor of Seftey (सुरक्षा गुणांक)  :-  Yield stress और working stress के अनुपात को factor of safety कहते है | F.O.S = Yield Stress / Working Stress  Limit state mathod (LSM) मे concreat का F. O. S 1.5 और steel का F. O. S 1.15 लिया जाता है | Stress-Strain curve of HYSD bars:- HYSD (High yield strength defordeformed bars)  इन छड़ो का सामर्थ्य बहुत अधिक होता है इन छड़ो के सतहो पर ऐठन (twist) होता है इनका yield point ज्ञात करने के लिए 0.2% proof stress का प्रयोग करते है |  Stiffness ( सुदृढता...