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UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance (स्थिरवैद्युत विभव तथा धारिता) ( Part-3 )

 UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance (स्थिरवैद्युत विभव तथा धारिता) are part of UP Board Solutions for Class 12 Physics. Here we have given UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance (स्थिरवैद्युत विभव तथा धारिता).


UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance (स्थिरवैद्युत विभव तथा धारिता)


प्रश्न 35.

किसी वान डे ग्राफ प्रकार के जनित्र में एक गोलीय धातु कोश 15 x 106 V का एक इलेक्ट्रोड बनाना है। इलेक्ट्रोड के परिवेश की गैस की परावैद्युत सामर्थ्य 5 x 107 Vm-1 है। गोलीय कोश की आवश्यक न्यूनतम त्रिज्या क्या है? [इस अभ्यास से आपको यह ज्ञान होगा कि एक छोटे गोलीय कोश से आप स्थिरवैद्यत जनित्र, जिसमें उच्च विभव प्राप्त करने के लिए कम आवेश की आवश्यकता होती है, नहीं बना सकते।

हल-

दिया है, गोलीय कोश का विभव V = 15 x 106 V

गैस की परावैद्युत सामर्थ्य Emax = 5 x 107 V/m

माना कोश की न्यूनतम त्रिज्या r है, तब

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance Q35

प्रश्न 36.

r1 त्रिज्या तथा q1 आवेश वाला एक छोटा गोला r2 त्रिज्या और q2 आवेश के गोली खोल (कोश) से घिरा है। दर्शाइए यदि q1 धनात्मक है तो (जब दोनों को एक तार द्वारा जोड़ दिया जाता है) आवश्यक रूप से आवेश, गोले से खोल की तरफ ही प्रवाहित होगा, चाहे खोल पर आवेश q2 कुछ भी हो।

उत्तर-

हम जानते हैं कि किसी चालक का सम्पूर्ण आवेश उसके बाह्य पृष्ठ पर रहता है; अतः जैसे ही दोनों गोलों को चालक तार द्वारा जोड़ा जाएगा वैसे ही अन्दर वाले छोटे गोले को सम्पूर्ण आवेश तार से होकर बाहरी खोल की ओर प्रवाहित हो जाएगा, चाहे खोल पर आवेश q2 कुछ भी क्यों न हो।


प्रश्न 37.

निम्न का उत्तर दीजिए:

(a) पृथ्वी के पृष्ठ के सापेक्ष वायुमण्डले की ऊपर परत लगभग 400 kV पर है, जिसके संगत विद्युत-क्षेत्र ऊँचाई बढ़ने के साथ कम होता है। पृथ्वी के पृष्ठ के सापेक्ष विद्युत-क्षेत्र लगभग 100 Vm-1 है। तब फिर जब हम घर से बाहर खुले में जाते हैं तो हमें विद्युत आघात क्यों नहीं लगता? (घर को लोहे का पिंजरा मान लीजिए; अतः उसके अन्दर कोई विद्युत-क्षेत्र नहीं है।)


(b) एक व्यक्ति शाम के समय अपने घर के बाहर 2 m ऊँचा अवरोधी पट्ट रखता है जिसके शिखर पर एक 1 m क्षेत्रफल की बड़ी ऐलुमिनियम की चादर है। अगली सुबह वह यदि धातु की चादर को छूता है तो क्या उसे विद्युत आघात लगेगा?


(c) वायु की थोड़ी-सी चालकता के कारण सारे संसार में औसतन वायुमण्डल में विसर्जन धारा 1800 A मानी जाती है। तब यथासमय वातावरण स्वयं पूर्णतः निरावेशित होकर विद्युत उदासीन क्यों नहीं हो जाता? दूसरे शब्दों में, वातावरण को कौन आवेशित रखता है?


(d) तड़ित के दौरान वातावरण की विद्युत ऊर्जा, ऊर्जा के किन रूपों में क्षयित होती है?

[संकेत : पृष्ठ आवेश घनत्व = 10-9 Cm-2 के अनुरूप पृथ्वी के (पृष्ठ) पर नीचे की दिशा में लगभग 100 Vm-1 का विद्युत क्षेत्र होता है। लगभग 50 km ऊँचाई तक (जिसके बाहर यह अच्छा चालक है) वातावरण की थोड़ी सी चालकता के कारण लगभग + 1800 C का आवेश प्रति सेकण्ड समग्र रूप से पृथ्वी में पंप होता रहता है। तथापि, पृथ्वी निरावेशित नहीं होती, क्योंकि संसार में हर समय लगातार तड़ित तथा तड़ित-झंझा होती रहती है, जो समान मात्रा में ऋणावेश पृथ्वी में पंप कर देती है।]

उत्तर-

(a) हमारा शरीर तथा पृथ्वी के समान विभव पर रहने के कारण हमारे शरीर से होकर कोई विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होती इसीलिए हमें कोई विद्युत आघात नहीं लगता।


(b) हाँ, पृथ्वी तथा ऐलुमिनियम की चादर मिलकर एक संधारित्र बनाती हैं तथा अवरोधी पट्ट परावैद्युत का कार्य करती है। ऐलुमिनियम की चादर वायुमण्डलीय आवेश के लगातार गिरते रहने से आवेशित होती रहती है और उच्च विभव प्राप्त कर लेती है; अतः जब व्यक्ति इस चादर को छूता है तो उसके शरीर से होकर एक विद्युत धारा प्रवाहित होती है और इस कारण उस व्यक्ति को विद्युत आघात लगेगा।


(c) यद्यपि वायुमण्डल 1800 A की औसत विसर्जन धारा के कारण लगातार निरावेशित होता रहता है। परन्तु साथ ही तड़ित तथा झंझावात के कारण यह लगातार आवेशित भी होता रहता है और इन दोनों के बीच एक सन्तुलन बना रहता है जिससे कि वायुमण्डल कभी भी पूर्णत: निरावेशित नहीं हो पाता।


(d) तड़ित के दौरान वातावरण की विद्युत ऊर्जा, प्रकाश ऊर्जा, ध्वनि ऊर्जा तथा ऊष्मीय ऊर्जा के रूप में क्षयित होती है।


परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर

बहुविकल्पीय प्रश्न


प्रश्न 1.

वैद्युत विभव का मात्रक है (2011, 14)

(i) जूल/कूलॉम

(ii) जूल x कूलॉम

(iii) कूलॉम/जूल

(iv) न्यूटन/कूलॉम

उत्तर-

(i) जूल/कूलॉम


प्रश्न 2.

E = 0 तीव्रता वाले वैद्युत-क्षेत्र में विभव V का दूरी r के साथ परिवर्तन होग (2010, 12, 17)

(i) V ∝ \frac { 1 }{ r }

(ii) V ∝ r

(iii) V ∝ \frac { { 1 } }{ { r }^{ 2 } }

(iv) V, r पर निर्भर नहीं करेगा

उत्तर-

(iv) V, r पर निर्भर नहीं करेगा


प्रश्न 3.

दो प्लेटें एक-दूसरे से 1 सेमी दूरी पर हैं और उनमें विभवान्तर 10 वोल्ट है। प्लेटों के बीच वैद्युत-क्षेत्र की तीव्रता है- (2009)

(i) 10 न्यूटन/कूलॉम

(ii) 500 न्यूटन/कूलॉम

(iii) 1000 न्यूटन/कूलॉम

(iv) 250 न्यूटन/कूलॉम

उत्तर-

(iii) 1000 न्यूटन/कूलॉम


प्रश्न 4.

1 इलेक्ट्रॉन वोल्ट (eV) मात्रक है

(i) ऊर्जा का

(ii) विभव का

(iii) वेग का

(iv) कोणीय संवेग का

उत्तर-

(i) ऊर्जा का


प्रश्न 5.

एक वोल्ट विभवान्तर पर त्वरित करने पर इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा होती है|

(i) 1 जूल

(ii) 1 इलेक्ट्रॉन-वोल्ट

(iii) 1 अर्ग

(iv) 1 वाट

उत्तर-

(ii) 1 इलेक्ट्रॉन-वोल्ट


प्रश्न 6.

वैद्युत द्विध्रुव के कारण, केन्द्र से दूरी पर अक्ष में स्थित बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता एवं विभव क्रमशः E तथा V हैं। E तथा V में सम्बन्ध होगा (2017)

(i) E = \frac { V }{ R }

(ii) E = \frac { V }{ 2r }

(iii) E = \frac { 2V }{ r }

(iv) E = 2rV

उत्तर-

(i) E = \frac { V }{ R }


प्रश्न 7.

निम्न में से कौन-सा तथ्य समविभव पृष्ठ के लिए सत्य नहीं है ? (2009)

(i) पृष्ठ पर किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर शून्य होता है।

(ii) वैद्युत बल रेखाएँ पृष्ठ के सर्वथा लम्बवत् होती हैं।

(iii) पृष्ठ पर किसी आवेश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने पर कोई कार्य नहीं होता है।

(iv) समविभव पृष्ठ सर्वदा गोलाकार होते हैं।

उत्तर-

(iv) समविभव पृष्ट सर्वदा गोलाकार होते हैं।


प्रश्न 8.

एक इलेक्ट्रॉन को दूसरे इलेक्ट्रॉन के अधिक नजदीक लाने पर निकाय की वैद्युत स्थितिज ऊर्जा (2010)

(i) घटती है।

(ii) बढ़ती है।

(iii) उतनी ही रहती है।

(iv) शून्य हो जाती है।

उत्तर-

(ii) बढ़ती है।


प्रश्न 9.

वायु में 1 सेमी दूरी पर रखे प्रत्येक 1 माइक्रो कूलॉम के दो धनात्मक बिन्दु आवेशों के निकाय की वैद्युत स्थितिज ऊर्जा है- (2016)

(i) 0.9 इलेक्ट्रॉन-वोल्ट

(ii) 0.9 जूल

(iii) 1 जूल

(iv) 9 जूल

उत्तर-

(ii) 0.9 जूल


प्रश्न 10.

निम्नलिखित में से धारिता का मात्रक कौन-सा है?

(i) कूलॉम

(ii) ऐम्पियर

(iii) वोल्ट

(iv) कूलॉम/वोल्ट

उत्तर-

(iv) कूलॉम/वोल्ट


प्रश्न 11.

एक आवेशित संधारित्र बैटरी से जुड़ा है। यदि प्लेटों के बीच परावैद्युत पदार्थ की एक पट्टी रखी जाये तो निम्न में से क्या परिवर्तित नहीं होगा ? (2010)

(i) आवेश

(ii) विभवान्तर

(iii) धारिता

(iv) ऊर्जा

उत्तर-

(ii) विभवान्तर


प्रश्न 12.

वायु में रखे दो धनावेशों के मध्य परावैद्युत पदार्थ रख देने पर इनके बीच प्रतिकर्षण बल का मान (2015)

(i) बढ़ जायेगा

(ii) घट जायेगा

(iii) वही रहेगा।

(iv) शून्य

उत्तर-

(ii) घट जायेगा।


प्रश्न 13.

दिये गये चित्र 2.18 में बिन्दुओं A व B के बीच तुल्य धारिता है

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance MCQ 13

(i) 4 μF

(ii) \frac { 12 }{ 7 }μF

(iii) \frac { 1 }{ 4 }μF

(iv) \frac { 7 }{ 12 }μF

उत्तर-

(i) 4 μF


प्रश्न 14.

दिये गये चित्र 2.19 में बिन्दुओं A व B के बीच तुल्य धारिता है- (2009)

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance MCQ 14

(i) \frac { 2 }{ 3 }μF

(i) \frac { 3 }{ 2 }μF

(ii) \frac { 11 }{ 3 }μF

(iv) 1 μF

उत्तर-

(i) 1 μF


प्रश्न 15.

चित्र 2.20 में प्रदर्शित संधारित्रों की तुल्य धारिता A व B के बीच है (2015)

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance MCQ 15

(i) 4 μF

(ii) 2.5 μF

(iii) 2 μF

(iv) 0.25 μF

उत्तर-

(ii) 2.5 μF


प्रश्न 16.

100 माइक्रोफैरड धारिता वाले संधारित्र को 10 वोल्ट तक आवेशित करने पर उसमें संचित ऊर्जा होगी (2016)

(i) 5.0 x 10-3 जूल

(ii) 0.5 x 10-3 जूल।

(iii) 0.5 जूल।

(iv) 5.0 जूल।

उत्तर-

(i) 5.0 x 10-3 जूल।


अतिलघु उत्तरीय प्रश्न


प्रश्न 1.

वैद्युत-विभव की परिभाषा दीजिए तथा इसकी विमा लिखिए। (2012, 17)

उत्तर-

वैद्युत-विभव-वैद्युत- क्षेत्र में किसी बिन्दु पर वैद्युत-विभव (V), परीक्षण-आवेश (+q0) को अनन्त से उस बिन्दु तक लाने में किये गये कार्य (W) तथा परीक्षण-आवेश के मान की निष्पत्ति के बराबर होता है।

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance VSAQ 1

प्रश्न 2.

इलेक्ट्रॉन-वोल्ट की परिभाषा दीजिए।

या

eV क्या है? इसका मान जूल में ज्ञात कीजिए।

उत्तर-

इलेक्ट्रॉन-वोल्ट- यह ऊर्जा का जूल की तुलना में बहुत छोटा मात्रक है। इसको इस प्रकार परिभाषित किया जाता है-

“1 इलेक्ट्रॉन-बोल्ट (eV) वह ऊर्जा है जो कि 1 इलेक्ट्रॉन (आवेश q = e = 1.6 x 10-19 कूलॉम) 1 वोल्ट विभवान्तर पर त्वरित होने पर प्राप्त करता है।”

यदि q कूलॉम आवेश से आवेशित कण ΔV विभवान्तर पर त्वरित होता है तो उसके द्वारा प्राप्त गतिज ऊर्जा K = q x ΔV

यहाँ, q = e = 1.6 x 10-19 कूलॉम तथा V = 1 वोल्ट

1 इलेक्ट्रॉन-वोल्ट ऊर्जा = 1.6 x 10-19 कूलॉम x 1 वोल्ट = 1.6 x 10-19 जूल।

इस प्रकार 1 eV = 1.6 x 10-19 जूल


प्रश्न 3.

1 Mev को जूल में व्यक्त कीजिए।

हल-

1 MeV = 106 eV= 106 x 1.6 x 10-19 जूल = 1.6 x 10-13 जूल


प्रश्न 4.

क्या यह सम्भव है कि किसी बिन्दु पर वैद्युत विभव शून्य हो, लेकिन वैद्युत क्षेत्र शून्य न हो?

उत्तर-

हाँ। उदाहरण के लिए, वैद्युत द्विध्रुव की निरक्षीय स्थिति में।


प्रश्न 5.

1 सेमी त्रिज्या के गोले को 1 कूलॉम आवेश देने से गोले के पृष्ठ पर उत्पन्न विभव की गणना कीजिए। (2016)

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance VSAQ 5

प्रश्न 6.

+ 40 माइक्रोकूलॉम के दो आवेश परस्पर 0.4 मीटर की दूरी पर स्थित हैं। इनके मध्य बिन्दु पर विभव की गणना कीजिए। माध्यम का परावैद्युतांक 2 है। (2014)

हल-

+ 40 माइक्रोकूलॉम के दोनों आवेशों के कारण उनके मध्य बिन्दु पर वैद्युत विभव

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance VSAQ 6

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance VSAQ 6.1

प्रश्न 7.

विभव-प्रवणता तथा वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता में सम्बन्ध बताइए।

उत्तर-

वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता E = – विभव प्रवणता = \frac { \triangle V }{ \triangle x }

प्रश्न 8.

विभव-प्रवणता का मात्रक एवं विमीय सूत्र लिखिए।

उत्तर-

मात्रक-वोल्ट/मीटर तथा विमा- [MLT-3A-1]


प्रश्न 9.

दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर 50 V है। एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक 2 x 10-5 कूलॉम आवेश को ले जाने पर कितना कार्य करना होगा ? (2011, 12, 18)

हल-

कार्य (W) = आवेश x विभवान्तर = 2 x 10-5 कूलॉम x 50 वोल्ट = 10-3 जूल।


प्रश्न 10.

10 सेमी की दूरी पर स्थित दो बिन्दु A व B के विभव क्रमशः +10 वोल्ट तथा -10 वोल्ट हैं। 1.0 कूलॉम आवेश को A से B तक ले जाने में कितना कार्य करना होगा? (2012)

हल-

1.0 कूलॉम आवेश को A से B तक ले जाने में किया गया कार्य

W = (VB – VA) q0 = (-10 – 10) x 1.0 = -20 जूल

अत: कार्य प्राप्त होगा।


प्रश्न 11.

सम-विभव पृष्ठ से क्या तात्पर्य है? (2015, 17)

उत्तर-

किसी वैद्युत क्षेत्र में खींचा गया वह पृष्ठ जिस पर स्थित सभी बिन्दुओं पर वैद्युत विभव बराबर हो, समविभव पृष्ठ कहलाता है।


प्रश्न 12.

किसी समविभव पृष्ठ के दो बिन्दुओं के मध्य 800 μC आवेश को गति कराने में कितना कार्य होगा? (2013)

हल-

समविभव पृष्ठ के प्रत्येक बिन्दु पर विभव का मान समान होता है। अतः पृष्ठ के किन्हीं भी दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर ΔV = 0

अतः q = 800 μC = 800 x 10-6 कूलॉम को इन बिन्दुओं के बीच गति कराने में किया गया कार्य

W = q x ΔV = (800 x 10-6) x 0 = 0 (शून्य) [∴ 1 μC = 10-6 C]


प्रश्न 13.

संधारित्र किसे कहते हैं? (2014)

उत्तर-

संधारित्र एक ऐसा समायोजन है जिसमें किसी चालक के आकार में परिवर्तन किये बिना उस पर आवेश की पर्याप्त मात्रा संचित की जा सकती है।


प्रश्न 14.

संधारित्र की धारिता की परिभाषा लिखिए। (2014, 15)

उत्तर-

किसी संधारित्र की धारिता, उसकी एक प्लेट को दिए गए आवेश तथा दोनों प्लेटों के बीच उत्पन्न विभवान्तर के अनुपात के बराबर होती है।

अर्थात् संधारित्र की धारिता C = \frac { q }{ V }

प्रश्न 15.

M.K.S. पद्धति में धारिता की विमा लिखिए। इसका मात्रक क्या है?

उत्तर-

धारिता की विमा [M-1L-2T4A2] तथा मात्रक फैरड है।


प्रश्न 16.

परावैद्युत पदार्थ क्या है? (2010, 12)

उत्तर-

परावैद्युत पदार्थ वह पदार्थ होता है जिसके अन्दर सभी परमाणुओं में उनके सभी इलेक्ट्रॉन नाभिक के आकर्षण बल से दृढ़तापूर्वक बँधे रहते हैं। अतः ऐसे पदार्थों में वैद्युत चालन के लिए कोई भी मुक्त इलेक्ट्रॉन उपलब्ध नहीं होता अथवा मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या नगण्य होती है। अतः परावैद्युत पदार्थ वे पदार्थ हैं जिनमें होकर वैद्युत प्रवाह नहीं होता। फिर भी यदि कोई वैद्युत-क्षेत्र किसी परावैद्युत पदार्थ पर आरोपित किया जाता है तो परावैद्युत पदार्थ के पृष्ठों पर प्रेरित आवेश उत्पन्न हो जाता है। अतः परावैद्युत पदार्थ वे कुचालक (insulator) पदार्थ हैं जिनमें वैद्युत प्रभाव (electric effects) बिना वैद्युत चालन के संचरित होते हैं।” किसी वैद्युत चालक के किसी बिन्दु पर दिया गया आवेश उसकी पूरी सतह पर शीघ्रता से फैल जाता है, जबकि किसी परावैद्युत के किसी बिन्दु पर दिया गया आवेश उसी के निकटवर्ती क्षेत्र में स्थिर रहता है। उदाहरण-काँच, रबर, प्लास्टिक, ऐबोनाइट, माइका, मोम, कागज, लकड़ी आदि।


प्रश्न 17.

संधारित्र में साधारणतया प्रयुक्त होने वाले किन्हीं दो परावैद्युत पदार्थों के नाम लिखिए।

उत्तर-

अभ्रक व काँच।


प्रश्न 18.

किसी परावैद्युत पदार्थ के वैद्युत ध्रुवण से क्या तात्पर्य है?

उत्तर-

द्युत धुवण- किसी परावैद्युत अथवा विद्युतरोधी को बाह्य वैद्युत क्षेत्र में रखने पर इसके धन व ऋण आवेशों के केन्द्र पृथक्-पृथक् हो जाते हैं, जिससे इनमें वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण प्रेरित हो जाते हैं। ऐसे परावैद्युत को ध्रुवित होना कहते हैं तथा इस घटना को वैद्युत ध्रुवण कहते हैं।


प्रश्न 19.

संधारित्रों में परावैद्युत के उपयोग से धारिता क्यों बढ़ जाती है? (2010, 11)

या

किसी संधारित्र की प्लेटों के बीच परावैद्युत पदार्थ भरने पर इसकी धारिता पर क्या प्रभाव पड़ता है? (2014)

उत्तर-

संधारित्रों की प्लेटों के बीच परावैद्युत भरने से इसके अन्दर प्लेटों के बीच उपस्थित वैद्युत-क्षेत्र के विपरीत दिशा में एक आन्तरिक वैद्युत-क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है, जो इसकी सतह पर प्लेटों के विपरीत आवेश के प्रेरित होने से उत्पन्न होता है। अतः प्लेटों के बीच विभवान्तर घट जाता है, जिसके परिणामस्वरूप धारिता बढ़ जाती है।


प्रश्न 20.

परावैद्युत सामर्थ्य एवं भंजक विभवान्तर को स्पष्ट कीजिए। (2013).

उत्तर-


परावैद्युत सामर्थ्य- परावैद्युत पर आरोपित वैद्युत-क्षेत्र की तीव्रता का वह अधिकतम मान जिसको परावैद्युत बिना परावैद्युत भंजन के सहन कर सकता है, परावैद्युत की परावैद्युत सामर्थ्य कहलाती है।

भंजक विभवान्तर- किसी परावैद्युत पदार्थ के भंजक हुए बिना उसके दोनों सिरों के बीच लगाए गए वैद्युत विभवान्तर के अधिकतम मान को उस परावैद्युत का भंजक विभवान्तर कहते हैं।

प्रश्न 21.

एक आवेशित संधारित्र एवं एक वैद्युत सेल में मूल अन्तर क्या है? (2009)

उत्तर-

आवेशित संधारित्र में वैद्युत आवेश संग्रहीत रहता है, जबकि वैद्युत सेल में वैद्युत आवेश का प्रवाह होता है।


प्रश्न 22.

समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता के लिए व्यंजक लिखिए तथा प्रतीकों का अर्थ बताइए। (2007)

उत्तर-

C = \frac { { \varepsilon }_{ 0 }A }{ d }

A = प्रत्येक प्लेट का क्षेत्रफल,

d = प्लेटों के बीच की दूरी तथा

{ \varepsilon }_{ 0 }= वायु या निर्वात् की वैद्युतशीलता।


प्रश्न 23.

दो संधारित्र जिनकी धारिताएँ क्रमशः 20 तथा 30 μF हैं, श्रेणीक्रम में जुड़े हैं। उनकी तुल्य धारिता ज्ञात कीजिए। (2011)

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance VSAQ 23

प्रश्न 24.

नीचे दिये गये परिपथ में A और B बिन्दुओं के बीच तुल्य धारिता ज्ञात कीजिए- (2015)

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance VSAQ 24

हल-

दिये गये परिपथ को निम्नांकित चित्र से प्रतिस्थापित कर सकते हैं

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance VSAQ 24.1

स्पष्ट है कि दिया गया परिपथ व्हीटस्टोन सेतु व्यवस्था है, अतः 8 μF पर कोई आवेश संचित नहीं होगा।

अतः चित्र 2.22 को चित्र 2.23 से प्रतिस्थापित किया जा सकता है।

अत: A व B के बीच तुल्य धारिता C = 2 μF + 2 μF = 4 μF

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance VSAQ 24.2

प्रश्न 25.

एक समान्तर प्लेट वायु संधारित्र की धारिता 100 μF है। यदि इसे 50 वोल्ट तक आवेशित किया जाए, तो इसमें संचित ऊर्जा कितनी होगी? (2009)

हल-

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance VSAQ 25

प्रश्न 26.

एक 10 μF के संधारित्र का विभवान्तर 100 वोल्ट से 200 वोल्ट कर देने पर उसकी ऊर्जा में परिवर्तन ज्ञात कीजिए। (2011, 12, 14)

हल-

UP Board Solutions for Class 12 Physics Chapter 2 Electrostatic Potential and Capacitance VSAQ 26

All Credit :- NCERT BOOKS & NCERT SOLUTION

Comments

Ramesh said…
Hello Sir Up Board Solutions ki class 12 ki pdf share
thank you

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